अमोढ़ा राजा जालिम सिंह का गौरवशाली इतिहास ========================== भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास जिन अमर शहीदों के लहू से लिखा गया, उनमें देश की आधी आबादी ने भी अपना योगदान दिया था।और इस विद्रोह के अन्त में ईस्ट इंडिया कम्पनी का भारत में शासन खत्म हो गया तथा ब्रिटेन सरकार का प्रत्यक्ष शासन प्रारम्भ हो गया जो कि अगले 90 सालों तक चला। 1857 के विद्रोह में सिर्फ़ बेग़म हज़रत महल और रानी लक्ष्मीबाई ने ही हिस्सा नहीं लिया था,मगर इस तथ्य से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आज़ादी की लड़ाई में कंधे से कंधा मिला कर जिन गुमनाम क्रांतिवीरों तथा वीरांगनाओं ने सहयोग और समर्थन दिया, उनका तो कहीं जिक्र भी नहीं मिलता। दुर्भाग्य से उनमें से ज्यादातर को भुला दिया गया। जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में अपना सर्वस्व बलिदान किया और देश की जनता पर अमिट छाप छोड़ी। ऐसा ही एक अलिखित और अनछुआ मगर गौरवशाली इतिहास अयोध्या और बस्ती के बीच रामजानकी मार्ग पर बसा हुआ अति प्राचीन अमोढ़ा नामक राज्य का है। तो दोस्तों,आइए अमोढ़ा राज्य का इतिहास ,भूगोल, उसकी स्थापना, सामाजिक संरचना, उसकी विकास यात्रा तथा आज़ाद...
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