सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

भारत में शासन करने वाले शासकों का सही क्रम

 


प्रमुख उत्तर भारत में हर्षवर्धन थे जबकि दक्षिण भारत में चालुक्य, पल्लव, राष्ट्रकूट, पांड्य मुख्य शासक थे। भारत पर सबसे पहले किसने शासन किया? सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य के पोते, जिन्होंने मगध में मौर्य वंश की स्थापना की, भारत के पहले शासक थे जिन्होंने पहले उत्तर भारतीय राज्यों को एकीकृत किया।


मुगल शासक (1526-1857) बाबर, 1526-1530 बाबर भारत की धरती पर पहला मुगल शासक था। उन्होंने अफगानों और राजपूतों के खिलाफ पानीपत, कंवा और घाघरा की लड़ाई में जीत हासिल की और भारत में मुगल शासन की नींव रखी।


सही क्रम


1 सूर्यवंशी - इक्ष्वाकु राजवंश


2 चंद्रवंशी–पुरुवंश


2.1 सम्राट पुरु वंश


2.2 सम्राट भरत वंश


2.3 पांचाल राज्य


3 चंद्रवंशी–यदुवंश


3.1 हैहय वंश


3.2 क्रोष्टा वंश


3.2.1 वृष्णि वंश


3.2.2 चेदि वंश


3.2.3 कुकुरा राजवंश


4 मगध के राजवंश ( सी. 1700–26 ई.पू)


4.1 प्रारंभिक मगध राजवंश


4.2 बृहद्रथ राजवंश (सी. 1700–682 ई.पू)


4.3 प्राचीन गणराज्य (सी. 1200–450 ई.पू)


4.4 प्रद्योत राजवंश (सी. 682–544 ई.पू)


4.5 हर्यक साम्राज्य (सी. 544–413 ई.पू)


4.6 शिशुनाग राजवंश (सी. 413–345 ई.पू)


4.7 नंद साम्राज्य (सी. 345–322 ई.पू)


4.8 मौर्य साम्राज्य (ल. 322 – 185 ई.पू)


4.9 शुंग साम्राज्य (सी. 185–73 ई.पू)


4.10 कण्व राजवंश (सी. 73–26 ई.पू)


5 मिथिला के विदेह राजवंश (ल. 1300 – 700 ई.पू)


6 कुरु साम्राज्य (ल. 1200 – 345 ई.पू.)


7 पाण्ड्य राजवंश (सी. 600 ई.पू–1500 ईस्वी)


7.1 प्रारंभिक पाण्ड्य राजवंश


7.2 मध्य पाण्ड्य


7.3 पाण्ड्य साम्राज्य (600–920 ईस्वी)


7.4 पाण्ड्य पुनरुद्धार (1251–1311 ईस्वी)


7.5 पंडालम राजवंश (1200–1500 ईस्वी)


8 चेर राजवंश (सी. 600 ई.पू.–1314 ईस्वी)


8.1 प्राचीन राजवंश


8.2 कुलशेखर राजवंश (800–1314 ईस्वी)


9 चोल राजवंश (सी. 600 ई.पू.–1279 ईस्वी)


9.1 संगम चोल (3020 ई.पू–245 ई.)


9.2 शाही चोल (848–1279 ईस्वी)


10 राेड़ राजवंश (सी. 450 ई.पू–460 ईस्वी)


11 प्रमर मालवगण (सी. 392 ई.पू–200 ईस्वी)


12 सातवाहन राजवंश (ल. 230 ई.पू–220 ईस्वी)


13 भारतीय उपमहाद्वीप में विदेशी (आत्मसात) साम्राज्य


13.1 शक शासक (हिंद-स्काइथियन) (सी. 12 ई.पू.–10 ईस्वी)


13.1.1 अपराचाजरा शासक (12 ई.पू. - 45 ई.)


13.1.2 मथुरा क्षेत्र (सी. 20 ई.पू. - 20 ई.)


13.1.3 उत्तर पश्चिमी भारत (सी. 90 ई.पू. - 10 ई.)


13.1.4 मामूली स्थानीय शासक


13.2 हिन्द-पहलव शासक (पार्थियन) (सी. 21–100 ईस्वी)


13.3 पश्चिमी क्षत्रप (शक शासक) (सी. 120–400 ईस्वी)


13.4 कुषाण साम्राज्य (सी. 80–350 ईस्वी)


14 भारशिव राजवंश (पद्मावती के नाग शासक) (170–350 ईस्वी)


15 गुप्त साम्राज्य (ल. 240 – 550 ईस्वी)


16 वाकाटक साम्राज्य (250–500 ईस्वी)


16.1 प्रवरपुर-नन्दिवर्धन शाखा


16.2 वत्सगुल्म शाखा


17 पल्लव साम्राज्य (275–897 ईस्वी)


17.1 प्रारंभिक पल्लव (275–560 ईस्वी)


17.2 उत्तरकालीन पल्लव (560–897 ईस्वी)


18 बनवासी के कदंब राजवंश (345–540 ईस्वी)


19 तालकाड़ के पश्चिम गंग राजवंश (350–1014 ईस्वी)


20 रायका साम्राज्य (416–644 ईस्वी)


21 वल्लभी के मैत्रक (बटार) राजवंश (470–776 ईस्वी)


22 परवर्ती गुप्त राजवंश (490–750 ईस्वी)

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कत्यूरी राजवंश ने उत्तराखण्ड पर लगभग तीन शताब्दियों तक एकछत्र राज किया

 कत्यूरी राजवंश ने उत्तराखण्ड पर लगभग तीन शताब्दियों तक एकछत्र राज किया. कत्यूरी राजवंश की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसने अजेय मानी जाने वाली मगध की विजयवाहिनी को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. (Katyuri Dynasty of Uttarakhand) मुद्राराक्षस के ऐतिहासिक संस्कृति रचियता लेखक विशाख दत्त ने चंद्र गुप्त मौर्य और कत्यूरी राजवंश  संधि हुई है का विषय में वर्णन किया है चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य संपूर्ण अखंड भारतवर्ष में अंपायर का संघर्षरत विस्तार कर रहे थे | उसे समय मगध डायनेस्टी का हिस्सा ( प्रांत गोरखपुर ) भी रहा है | आज से लगभग 2320 se 2345 साल पहले चंद्रगुप्त का राज था और लगभग ढाई हजार साल पहले शालीवहांन देव अयोध्या से उत्तराखंड आ चुके थे चंद्रगुप्त मौर्य 320 से298  ई0पूर्व का मगध के राजा थे  कत्यूरी राजवंश की पृष्ठभूमि, प्रवर्तक और प्रशासनिक केंद्र के रूप में उभरने का कोई प्रमाणिक लेखा-जोखा नहीं मिलता है. यह इतिहासकारों के लिए अभी शोध का विषय ही है. इस सम्बन्ध में मिलने वाले अभिलेखों से कत्यूरी शासकों का परिचय तो मिलता है लेकिन इसके काल निर्धा...

माता सीता की वंशावली

 अपरिवर्तनशील ब्रह्मा 2. ब्रह्मा से उत्पन्न मरीचि 3. मरीचि के पुत्र कश्यप 4. कश्यप से उत्पन्न विवस्वान या सूर्य-देवता 5. विवस्वान के पुत्र मनु 6. इक्ष्वाकु, मनु के पुत्र और अयोध्या के पहले राजा 7. इक्ष्वाकु के पुत्र निमि 8. निमि के पुत्र मिथि 9. मिथि के पुत्र जनक 10. जनक 1 के पुत्र उदावसु 11. उदावसु के पुत्र नंदिवर्धन 12. नंदीवर्धन के पुत्र सुकेतु 13. सुकेतु का पुत्र देवरात 14. देवरात का पुत्र बृहद्रथ 15. बृहद्रथ का पुत्र महावीर 16. महावीर का पुत्र सुधृति 17. सुधृति का पुत्र धृष्टकेतु 18. धृष्टकेतु का पुत्र हर्यश्व 19. हर्यश्व के पुत्र मरु 20. मरु के पुत्र प्रतिन्धक 21. प्रतिन्धक के पुत्र कीर्तिरथ 22. कीर्तिरथ के पुत्र देवमिद्ध 23. देवमिद्ध के पुत्र विबुध 24. विबुध के पुत्र महीद्रक 25. कीर्तिरथ, महीद्रक का पुत्र 26. महारोमा, कीर्तिरात का पुत्र 27. स्वर्णरोमा, महारोमा का पुत्र 28. ह्रस्वरोमा, स्वर्णरोमा का पुत्र 29ए। जनक, ह्रस्वरोमा 29बी के बड़े पुत्र । कुशध्वज, ह्रस्वरोमा का छोटा पुत्र

महाभारत में सूर्य वंश की वंशावली मिलती है

 महाभारत में सूर्य वंश की वंशावली मिलती है। वैवस्वत मनु से सूर्य वंश की शुरुआत मानी गई है। महाभारत में पुलस्त्य ने भीष्म को सूर्य वंश का विवरण बताया सूर्यवंश वंशावली सतयुग 1.आदित्य नारायण 2.ब्रह्मा 3 मरीचि (पत्नि सुमति) 4 कश्यप ( पत्नि अदिति (दक्षपुत्री)) __________________________ सूर्य 5 विवस्वान सूर्य 6 मनु (वैवस्वत+पत्नि संक्षा, अयोध्या बसाई) (मनु के पुत्र-ऐक्ष्वाकु, नाभाग, धृष्ट, प्रासु, शर्याति, नरिष्यन, नागाभोदिष, करुष, प्रसघ्र- पुत्री ईला) 7 ऐक्ष्वाकु (ऐक्ष्वाकु वंश कहलाया) (ऐक्ष्वाकु के पुत्र-विकुक्षी, निमि, दंड, नाभागारिष्ट, कुरुष, कुबद्ध) (इनके 100 पुत्र थे, 50 उत्तरपंथ के राजवंश के स्थापक बने, 50 दक्षिणपंथ के राजवंश के स्थापक बने) 8 विकुक्षी (शशाद) 9 पुरंजय (कुकुत्स्थ) (देवासुर संग्राम मे देवता की मदद की) 10 अनेना (वेन) __________________________ *पृथु* 11 पृथु 12 विश्वरंधि (विश्वराश्व) 13 चंद्र (आर्द्र) 14 युवनाश्व 15 श्रावस्त (श्रावस्ति नगरी बसाई) 16 बृहद्श्व (लंबा आयुष्य भोग, वानप्रस्थ लिया) 17 कुवल्याश्व (धंधुमार) (धंधुमार के पुत्र- द्रढाश्व, चंद्रश्व, कायलाश्व, भद्...