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कौशिक राजपूत वंश

 कौशिक राजपूत वंश का नाम प्रसिद्ध क्षत्रिय राजा कुश के नाम पर पड़ा। यह राजा कुश राजा रामचंद्र के पुत्र कुश से अलग हैं। इसी वंश में प्रसिद्ध राजा गाधि हुए हैं जिनसे वर्तमान गाजीपुर का नाम पड़ने की कथा प्रचलित है। राजा कुश या कुशिक के ही वंशज क्षत्रिय ऋषि विश्वामित्र थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विश्वामित्र और उनके वंशजो को अयोध्या के राजा रामचंद्र ने सर्यूपार क्षेत्र में सरयू(घाघरा) और राप्ती नदी के बीच का इलाका दान में दिया। ठीक इसी क्षेत्र में हजारों साल तक शासन करते हुए ऋषि विश्वामित्र के वंशज कौशिक राजपूत आज भी विद्यमान हैं। कालांतर में इस वंश में राजा धुर चंद हुए जिन्होंने "धुरियापार नगर* की स्थापना कर उसे अपनी राजधानी बनाया। धुरियापार में उनके किले के अवशेष अब तक मौजूद हैं। इस वंश के उत्तर में श्रीनेत राजपूतो का राज्य था और पूर्व में बिसेन राजपूतो का। सरयूपारीण क्षेत्र के ये क्षत्रिय वंश स्वतंत्र अवस्था में शांतिपूर्वक शासन करते थे। सल्तनत काल में ये किसी सुलतान को कोई खिराज या नजराना नही देते थे। इन वंशो के राज्य आपस में नदियों या जंगलों द्वारा बंटे हुए थे। अधिकतर समय बिना ...