ये काशी नरेश जयचंद के वंशज चौहान वंशीय थे इन्हें वहां से किसी कारणवश देश निकाला हो गया ये कुछ अनुयाइयों सहित कटेहर जिला रामपुर में आ गये अपना आधिपत्य बनाया परन्तु इनकी कोई राजधानी आदि नहीं थी ये बिजनौर मुरादाबाद से आगे तक व बरेली पीलीभीत तक अपने दल बल से उगाही करते थे जिससे खिलजी बहुत परेशान रहता था ये ज्यादा दबाव पड़ने पर कोटा भाबर की ओर भाग जाते थे बाद में तैमूर लंग के समय भी ऐसा ही करते रहते थे इनके यहां ही राजा ब्रह्मदेव की शादी हुई क्योंकि माल भाबर में राज करने व लोगों को सादने में इनकी बहुत मदद मिलती थी और इन्हें छुपने का स्थान भी । इन्हीं का भाई भीका कठैत राजा ब्रह्मदेव का मंत्री या सेनापति था जिसको हाट गांव से ऊपर की ओर टेड़ा गांव से ऊपर तड़कताल तक की सामंती थी आज भी वहां कठैत या कठायत लोग रहते हैं कथूरिया शासकों के वंशजों का एक हिस्सा आज भी जिला शाहजहाँपुर में रहता है। गोला रायपुर रियासत जो पूरे एसपीएन क्षेत्र की सबसे बड़ी रियासत थी, उस पर राव हरि सिंह का शासन था जो कठेरिया राजपूत भी थे। ...
varta.tv : vartabook.com: vigyanindia.com